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  • नवरात्रि 2023: तिथि, महत्व, अनुष्ठान, कलश स्थापना मुहूर्त और रंगों का महत्व।

      12 October 2023 •  By : Dhwani Astro  Comments
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    हिंदू धर्म में शरद नवरात्रि नौ दिनों का उत्सव होता है, जो देवी दुर्गा और उनके स्वरूपों की पूजा का भव्य पर्व है। इसे भारत के विभिन्न क्षेत्रों में उत्साह और भक्ति के साथ मनाया जाता है। इस त्योहार हिंदू पंचांग के अनुसार अश्विन मास में होता है, जो सितंबर या अक्टूबर माह में पड़ता है।


    इन नौ दिनों के दौरान, भक्त उपवास करते हैं और विभिन्न अनुष्ठान करते हैं, जैसे कि मंत्रों का जाप करना, प्रार्थना करना और आरती करना। यह गर्व से मनाया जाने वाला त्योहार विजयादशमी के साथ समाप्त होता है, जिसे दशहरा भी कहा जाता है, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। शरद नवरात्रि 2023 के बारे में और अधिक जानने के लिए इस ब्लॉग को पूरा पढ़ें।

     

     

    शरद नवरात्रि 2023 तिथि:

     

    इस बार शरद नवरात्रि 2023 का आगाज़ 15 अक्टूबर 2023 को हो रहा है। नवरात्रि के हर दिन मां दुर्गा के एक विशेष रूप की पूजा की जाती है, जिनमें हर रूप की अपनी अद्वितीय विशेषताएं और शक्ति होती है। नवरात्रि के हर दिन पूजा करते समय, विभिन्न दुर्गा के रूपों की आराधना की जाती है। जो इस प्रकार हैंः

     

    दिन        नवरात्रि 2023 तिथि             मां दुर्गा का अवतार

                  

    1             15 अक्टूबर 2023                मां शैलपुत्री         

    2             16 अक्टूबर 2023                मां ब्रह्मचारिणी    

    3             17 अक्टूबर 2023                मां चंद्रघंटा          

    4             18 अक्टूबर 2023                मां कुष्मांडा         

    5             19 अक्टूबर 2023                मां स्कंदमाता      

    6             20 अक्टूबर 2023                मां कात्यायनी       

    7             21 अक्टूबर 2023                मां कालरात्रि

    8             22 अक्टूबर 2023                मां महागौरी         

    9             23 अक्टूबर 2023               मां सिद्धिदात्री       

    10           24 अक्टूबर 2023               दशहरा

     

    शारदीय नवरात्रि 2023 कलश स्थापना शुभ मुहूर्त:

     

    दुर्गा पूजा की शुरुआत कलश स्थापना से होती है। और इस बार 15 अक्टूबर 2023 रविवार को 11:44 मिनट से दोपहर 12:30 तक है। ऐसे में कलश स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त इस साल 46 मिनट ही रहेगा।

     

     

    घटस्थापना तिथि:  रविवार 15 अक्टूबर 2023

    घटस्थापना मुहूर्त:  प्रातः 06:30 मिनट से प्रातः 08:47  मिनट तक

    अभिजित मुहूर्त: सुबह 11:44 मिनट से दोपहर 12:30 मिनट तक (अभिजित मुहूर्त में देवी की स्थापना सबसे शुभ मानी जाती है।) 

     

     

    दुर्गा अष्टमी 2023 की तिथि और समय:

     

    शरद नवरात्रि 2023 दुर्गाष्टमी 22 अक्टूबर, 2023 को मनाई जाएगी। इसके अलावा, अष्टमी तिथि 21 अक्टूबर, 2023 को रात 09:53 बजे शुरू होगी और यह 22 अक्टूबर, 2023 को शाम 07:58 बजे समाप्त होगी।

     

     

    शरद नवरात्रि का महत्व:

     

    शरद नवरात्रि, हिन्दू धर्म के महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है और इसका महत्व अत्यधिक है। यह नौ दिन के अवसर के रूप में मनाया जाता है, जो माता दुर्गा की पूजा और भक्ति में गुजारा जाता है। नवरात्रि का महत्व निम्नलिखित कारणों से है:

     

     

    1. धार्मिक उपहार: शरद नवरात्रि हिन्दू धर्म के महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है, जिसे भगवानी दुर्गा की पूजा के साथ मनाया जाता है।

     

    2. दिव्य ऊर्जा का संजीवनी रूप: दुर्गा मां की पूजा के माध्यम से दिव्य शक्ति की प्राप्ति होती है, जिससे व्यक्ति को शक्ति, साहस, और सुरक्षा की अपेक्षा होती है।

     

    3. नौ रूपों की महत्वपूर्ण पूजा: नवरात्रि के नौ दिनों में हर दिन एक विशेष रूप की पूजा की जाती है, जिनमें शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी, और सिद्धिदात्री शामिल हैं।

     

    4. उपवास और धार्मिक अनुष्ठान: नवरात्रि के दौरान अनेक लोग उपवास का पालन करते हैं, इसके साथ ही दीप प्रज्वलन, पूजा, और आरती के अनुष्ठान भी किए जाते हैं।

     

    5. गरबा और डांडिया नृत्य का आनंद: शरद नवरात्रि की शामें संगीत, नृत्य, और उत्सव से भरी होती हैं। गरबा और डांडिया नृत्य इन उत्सवों का ह्रदय होते हैं।

     

     

    नवरात्रि 2023 पर किए जानें वाले अनुष्ठान: (पूरी विधि)

     

    1. कक्ष की सजावट: पूजा कक्ष को पहले से तैयार करें, और उसे फूलों और रंगोली से सजाएं।

     

    2. माता की मूर्ति: उसके बाद, पूजा कक्ष की चौकी पर माता की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।

     

    3. दीया जलाना: दीये को जलाएं और "ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे" या "ॐ दम दुर्गायै नमः" जैसे मंत्रों का जाप करके माता को आवाहन करें।

     

    4. कलश स्थापना: पूजा की वेदी पर एक कलश (बर्तन) रखें और उसमें जल डालकर देवी को अर्पित करें।

     

    5. कलश स्थापना: कुछ पवित्र तुलसी के पत्ते और चावल के कुछ दाने पानी में मिलाएं, इसे कलश स्थापना कहा जाता है।

     

    6. फूलों का अर्पण: फिर "या देवी सर्वभूतेषु मां दुर्गा रूपेण संस्थिता" जैसे मंत्रों का जाप करते हुए देवी को फूलों के साथ अर्पित करें।

     

    7. प्रसाद अर्पण: इसके साथ ही, देवी को फल, मिठाई, और अन्य प्रसाद के रूप में भी अर्पण करें। आप लड्डू, पेड़ा, या खीर जैसी मिठाई का प्रसाद चढ़ा सकते हैं, क्योंकि ये देवी को अत्यधिक प्रिय होते हैं।

     

    8. आरती: अंत में, देवी का आशीर्वाद प्राप्त करने और वातावरण को शुद्ध करने के लिए आरती करें।

     

    नवरात्रि के दिन रंगों का महत्व:

     

    पहले दिन - ग्रे रंग के कपड़े पहन सकते हैं, जो माँ शैलपुत्री को समर्पित होते हैं।

     

    दूसरे दिन - नारंगी या पोस्टा रंग के कपड़े पहन सकते हैं, जो माँ ब्रह्मचारिणी को समर्पित होते हैं।

     

    तीसरे दिन - रंगीन वस्त्र पहन सकते हैं, जैसे की लाल, पीला, और हरा रंग. इस दिन माँ चंद्रघंटा की पूजा की जाती है।

     

    चौथे दिन - ग्रीन या पीला रंग के कपड़े पहन सकते हैं, जो माँ कूष्मांडा को समर्पित होते हैं।

     

    पांचवे दिन - आप रॉयल ब्लू रंग रंग के कपड़े पहन सकते हैं, और मिलकर माँ स्कंदमाता की पूजा कर सकते हैं।

     

    छठे दिन - पीला रंग के कपड़े पहन सकते हैं, जो माँ कात्यायनी को समर्पित होते हैं।

     

    सातवे दिन - हरा रंग के कपड़े पहने जा सकते हैं. इस दिन माँ कालरात्रि की पूजा की जाती है।

     

    आठवें दिन - नवरात्रि के इस दिन, माँ महागौरी की पूजा की जाती है आप इस दिन श्वेत वस्त्र पहन सकते हैं।

     

    नौवें दिन - आखिरी दिन माँ सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है, और पीले रंग के कपड़े पहने जा सकते हैं।

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