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  • पारद शिवलिंग या सामान्य – जानें कौन है अधिक शुभ?

      24 July 2025 •  By : Suman Ghosh  Comments
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    पारद शिवलिंग को सिर्फ एक पूजा की वस्तु नहीं, बल्कि तांत्रिक और आयुर्वेदिक दृष्टि से भी बहुत मूल्यवान माना गया है।


      जब बात भगवान शिव की पूजा की आती है, तो हर श्रद्धालु यही चाहता है कि उसका भक्ति भाव फलदायी हो और जल्द से जल्द कृपा प्राप्त हो। लेकिन अक्सर लोगों के मन में यह प्रश्न आता है कि पारद शिवलिंग और सामान्य शिवलिंग में कौन शुभ है? क्या यह शिवलिंग ज्यादा प्रभावशाली होता है या सामान्य शिवलिंग भी उतना ही फलदायक हो सकता है? इस लेख में हम जानेंगे पारद शिवलिंग का महत्व, उसके लाभ और यह भी कि घर में किस शिवलिंग की स्थापना अधिक शुभ मानी जाती है।

    इस शिवलिंग को वैदिक शास्त्रों में अत्यंत शक्तिशाली और विशेष फल देने वाला बताया गया है। यह सिर्फ एक पूजा की वस्तु नहीं, बल्कि तांत्रिक और आयुर्वेदिक दृष्टि से भी बहुत मूल्यवान माना गया है। वहीं दूसरी ओर, सामान्य शिवलिंग अधिक सरल और सुविधाजनक होता है। तो अगर आप सोच रहे हैं कि पारद शिवलिंग कौन से लोगों को रखना चाहिए या फिर किस शिवलिंग से जल्दी फल मिलता है, तो यह लेख आपकी सभी शंकाओं का समाधान देगा।

    पारद शिवलिंग और सामान्य शिवलिंग में अंतर

    विशेषता

    पारद शिवलिंग

    सामान्य शिवलिंग

    धातु

    पारद (Mercury)

    पत्थर, संगमरमर, पंचधातु आदि

    बनावट

    चमकदार, भारी, चिकना

    सादा, कम वजन, अलग रंगों में

    शक्ति

    अत्यंत शक्तिशाली, तांत्रिक रूप से जाग्रत

    सामान्य ऊर्जा उत्पन्न करता है

    स्थापना

    विशेष नियमों के साथ

    थोड़े सरल नियमों से संभव

    फल देने की गति

    जल्दी फलदायक

    धीरे-धीरे फलदायक

     

    पारद शिवलिंग का महत्व

    1. इस शिवलिंग को "सबसे शक्तिशाली शिवलिंग" माना जाता है। पारद यानी पारा, एक द्रव धातु होती है जिसे शुद्ध करना और शिवलिंग बनाना बहुत कठिन कार्य होता है।

    2. यह शिवलिंग ऋषि च्यवन, रावण और भृगु ऋषि जैसे महान तपस्वियों द्वारा पूजित रहा है।
    3. इसमें ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों की शक्ति समाहित मानी जाती है।

    पारद शिवलिंग के लाभ घर में सुख-समृद्धि, स्वास्थ्य और शांति लाते हैं।

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    पारद शिवलिंग के लाभ

    1. धन में वृद्धि: जो भी रोज शिवलिंग की पूजा करता है, उसके घर में लक्ष्मी स्थायी रूप से रहती हैं।

    2. रोगों से मुक्ति: पारा आयुर्वेद में औषधीय धातु माना जाता है। इससे बनी वस्तु की ऊर्जा रोगों से रक्षा करती है।
    3. मन की शांति: शिवलिंग का स्पर्श और दर्शन से चित्त शांत होता है।
    4. नकारात्मकता हटे: जहां शिवलिंग होता है, वहां तांत्रिक, भूत-प्रेत, और नकारात्मक शक्तियाँ प्रवेश नहीं करतीं।
    5. कर्म शुद्धि: शिवलिंग के जलाभिषेक से पाप नाश होते हैं।

    पारद शिवलिंग कैसे बनता है?

    यह शिवलिंग बनाना आसान नहीं होता। पारा (Mercury) एक तरल धातु है और विषैला भी होता है। इसे शुद्ध करने के लिए कई आयुर्वेदिक और तांत्रिक विधियाँ अपनाई जाती हैं। फिर इसमें संधान (बाँधने) की प्रक्रिया होती है जिससे पारा ठोस रूप में आता है।

    इस प्रक्रिया में गंधक, औषधीय जड़ी-बूटियाँ, और यंत्र-मंत्र का प्रयोग होता है। इसलिए शुद्ध पारद शिवलिंग की कीमत सामान्य से अधिक होती है।

    पारद शिवलिंग की पूजा कैसे करें?

    1. सुबह स्नान करके सफेद वस्त्र पहनें

    2. शिवलिंग को जल और दूध से अभिषेक करें
    3. “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का 108 बार जप करें
    4. बेलपत्र, धतूरा, अक्षत, चंदन, पुष्प अर्पित करें
    5. रोज कम से कम 10 मिनट शिवलिंग के सामने बैठें

    पारद शिवलिंग किसे नहीं रखना चाहिए?

    1. जिनके घर में मृत्यु या भारी पीड़ा का योग चल रहा हो, उन्हें अस्थायी रूप से पारद शिवलिंग न रखना चाहिए।

    2. गर्भवती महिलाएं बिना पूजा नियम जाने इसे न छुएं।
    3. बिना शुद्धि और विधि के इसे कहीं भी न रखें, वरना दुष्परिणाम हो सकते हैं।

    ध्यान रहे: यह शिवलिंग अत्यंत जाग्रत होता है। इसे बच्चों के खेलने की वस्तु या सजावट की तरह न रखें।

    सामान्य शिवलिंग के लाभ

    हालाँकि सामान्य शिवलिंग में पारद जैसी शक्ति नहीं होती, फिर भी यह बहुत फलदायक है यदि मन से पूजा की जाए:

    • पूजा में सरल, इसे आसानी से स्थापित और पूजित किया जा सकता है
    • ध्यान केंद्रित करने में सहायक
    • घर में सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखता है
    • शिव की कृपा बनी रहती है

    सामान्य शिवलिंग छोटे बच्चों, बुजुर्गों या पूजा के शुरुआती साधकों के लिए अच्छा विकल्प हो सकता है।

    शिवलिंग पूजा का सही तरीका

    1. शिवलिंग को पूर्व या उत्तर दिशा में स्थापित करें

    2. साफ जल से धोकर रोज अभिषेक करें
    3. केवल बेलपत्र और सफेद पुष्प चढ़ाएं
    4. कभी भी शिवलिंग को दूध से स्नान कराकर उसे व्यर्थ न बहाएं, उसे पेड़ में डालें

    घर में कौन सा शिवलिंग रखना चाहिए?

    • शुरुआती भक्त: काले पत्थर या पंचधातु शिवलिंग

    • आध्यात्मिक साधक: पारद शिवलिंग
    • धन और तांत्रिक फल की इच्छा रखने वाले: पारद शिवलिंग
    • सामान्य पूजा करने वाले परिवार: संगमरमर या पत्थर शिवलिंग

    किस शिवलिंग से जल्दी फल मिलता है?

    यदि विधि से पूजा की जाए तो पारद शिवलिंग से जल्दी फल मिलता है। लेकिन अगर मन एकाग्र न हो और श्रद्धा न हो, तो कोई भी शिवलिंग फल नहीं देता।

    शिवलिंग कौन सा शुभ है? इसका उत्तर आपकी श्रद्धा, नीयत और साधना पर निर्भर करता है।

    निष्कर्ष: पारद शिवलिंग और सामान्य शिवलिंग में कौन शुभ है?

    यह शिवलिंग अधिक शक्तिशाली, फलदायक और आध्यात्मिक रूप से जाग्रत होता है, इसलिए इसे अधिक शुभ माना जाता है। लेकिन इसका सही प्रयोग ही इसे प्रभावी बनाता है।

    अगर आप साधना में गंभीर हैं, तो पारद शिवलिंग रखें। यदि आप भक्तिभाव से शिव की उपासना करना चाहते हैं, तो सामान्य शिवलिंग भी उतना ही फलदायक होगा।

    FAQs – अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

    Q1: क्या यह शिवलिंग घर में रखना सही है?

    उत्तर. हाँ, लेकिन विधि-विधान और शुद्धता के साथ।

    Q2: पारद शिवलिंग इतना खास क्यों है?

    उत्तर.क्योंकि यह तांत्रिक, आयुर्वेदिक और आध्यात्मिक दृष्टि से सबसे शक्तिशाली है।

    Q3: क्या सामान्य शिवलिंग भी असर करता है?

    उत्तर. जी हाँ, मन से की गई पूजा कभी व्यर्थ नहीं जाती।

    Q4: पारद शिवलिंग की कीमत कितनी होती है?

    उत्तर. ₹500 से ₹50,000 तक, शुद्धता और वजन पर निर्भर करता है।

    Q5: क्या यह शिवलिंग सभी पूजा में उपयोगी है?

    उत्तर. जी हां, यह सभी शिव उपासकों के लिए उपयोगी है, लेकिन नियमपूर्वक।  

     

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