नलकूप की खुदाई वास्तु शास्त्र में सबसे महत्वपूर्ण मानी जाती है, इसे सबसे शुभ मुहूर्त में किया जाना चाहिए। ऐसा करने के लिए नीचे दिए गए सभी मानदंडों की जाँच की जानी चाहिए:-
नलकूप की खुदाई वास्तु शास्त्र में सबसे महत्वपूर्ण मानी जाती है, इसे सबसे शुभ मुहूर्त में किया जाना चाहिए। ऐसा करने के लिए नीचे दिए गए सभी मानदंडों की जाँच की जानी चाहिए:- 1) नक्षत्र:- उत्तराफाल्गुनी, उत्तराषाढ़ा, उत्तराभाद्रपद, रोहिणी, अडोमुखी नक्षत्र- मूल, अश्लेषा, विशाखा, कृतिका, पूर्वाफाल्गुनी, पूर्वाषाढ़ा, पूर्वाभाद्रपद, भरणी और मघा नक्षत्र सबसे अनुकूल नक्षत्र हैं। 2) बलवान लग्न:- लग्न में बृहस्पति और बुध हो, शुक्र दशम भाव में हो या चंद्रमा कर्क, मीन या वृश्चिक राशि में हो तो चंद्रमा जल राशि कहलाता है। 3) चंद्र दिवस:- रितिका तिथि 4, 9 और 14 चंद्र दिवस को छोड़कर। 4) विष्णुमुख, वगरा, परिघ, गण्ड, अतिगंधा, व्याघात और शूल योग नहीं माने जाने चाहिए। 5) करण:- गर करण, सिद्ध योग, सर्वथा योग, अमित सिद्धि योग शुभ जबकि मृत्यु, संवर्ताल योग, विष योग, दगध, द्विपुशूर, त्रिपुशर, यमगंटालु शुभ हैं। इन सब पर विचार करते हुए हमें नलकूप या कुआं खोदने का सबसे शुभ मुहूर्त मिल सकता है।