रुद्राभिषेक

रुद्राभिषेक
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ग्रहों के नकारात्मक प्रभावों को दूर करने और इच्छाओं की पूर्ति के लिए रुद्र अभिषेक सबसे लाभकारी और प्रभावी पूजाओं में से एक है। आइए प्रकारों के बारे में विस्तार से जानें:

षडंग रुद्र अभिषेक: इस पूजा में रुद्र के छह भाग शामिल हैं, जैसे हृदय रूपी शिव कल्प सूक्त, पुरुष सूक्त, उत्तरनारायण सूक्त, अप्रतिरथ सूक्त, मौतसूक्त, और शत्रुद्रिये सूक्त। एक दिन में दो पंडित इसे करते हैं, जिसमें लगभग 2 घंटे लगते हैं। इस पूजा के साथ शिव कवच निःशुल्क प्रदान किया जाता है।

रुद्री, एकादशनी, या नमक चमक रुद्र अभिषेक: इस पूजा में रुद्राष्टकम के पांचवें अध्याय का 11 बार पाठ किया जाता है। इसे पूरा करने में 3 पंडितों की आवश्यकता होती है और एक दिन में 5 घंटे लगते हैं।

लघु रुद्र अभिषेक: नमक चमक के ग्यारह पाठ एक लघु रुद्र अभिषेक के बराबर हैं। पूजा पूरी करने में 4 पंडित लगते हैं और 4 दिन लगते हैं।

महा रूद्र: लघु रूद्र के ग्यारह जप से एक महा रूद्र बनता है। इसमें नमक चमक के 121 पाठ शामिल हैं और इसे 11 दिनों तक करने के लिए 11 पंडितों की आवश्यकता होती है।

अति रूद्र: महा रूद्र के ग्यारह पाठों से एक अति रूद्र बनता है। इसमें 1331 नमक चमक का पाठ शामिल है और 108 पंडितों की भागीदारी आवश्यक है। यह पूजा 108 दिनों तक चलती है और माना जाता है कि यह उन लोगों को आशा और मोक्ष प्रदान करती है जिन्होंने इसे खो दिया है।

 

नोट: पंडितों की संख्या और अवधि को व्यक्तिगत आवश्यकताओं के अनुसार समायोजित किया जा सकता है।


पूछे जाने वाले प्रश्न:

 

प्रश्न: रूद्र अभिषेक क्या है?
उत्तर:
रुद्र अभिषेक भगवान शिव को समर्पित एक पवित्र हिंदू अनुष्ठान है। इसमें दूध, पानी, शहद, घी, दही और पवित्र जल जैसे विभिन्न पवित्र पदार्थों से शिव लिंगम का औपचारिक स्नान और अभिषेक शामिल है। यह अनुष्ठान भगवान शिव का आशीर्वाद पाने और उनकी शक्ति, सुरक्षा और नकारात्मक ऊर्जाओं के विनाश के दिव्य गुणों का आह्वान करने के लिए किया जाता है।

 

प्रश्न: रुद्र अभिषेक का क्या महत्व है?
उत्तर:
माना जाता है कि रुद्र अभिषेक के कई आध्यात्मिक और लाभकारी प्रभाव होते हैं। ऐसा माना जाता है कि यह मन, शरीर और आत्मा को शुद्ध करता है और आंतरिक शांति, सद्भाव और आध्यात्मिक उत्थान लाता है। यह अनुष्ठान समग्र कल्याण, बाधाओं को दूर करने और इच्छाओं की पूर्ति के लिए आशीर्वाद मांगने के लिए भी किया जाता है।

 

प्रश्न: रूद्र अभिषेक कैसे किया जाता है?
उत्तर:
रुद्र अभिषेक किसी योग्य पुजारी या भक्तों के समूह द्वारा शिव मंदिर या घर पर किया जाता है। अनुष्ठान में वैदिक भजनों का पाठ, भगवान शिव को समर्पित मंत्रों का जाप और शिव लिंगम पर पवित्र पदार्थ डालना शामिल है। समारोह के दौरान भक्त भगवान शिव को प्रार्थना, फूल, फल और अन्य शुभ वस्तुएं चढ़ाते हैं।

 

प्रश्न: रुद्र अभिषेक करने का आदर्श समय कब है?
उत्तर:
रुद्र अभिषेक भगवान शिव को समर्पित शुभ दिनों, जैसे सोमवार, महा शिवरात्रि, श्रावण (भगवान शिव को समर्पित पवित्र महीना), और भगवान शिव से संबंधित अन्य महत्वपूर्ण अवसरों पर किया जा सकता है। हालाँकि, इसे किसी भी दिन श्रद्धा और शुद्ध मन से किया जा सकता है।