पौराणिक कथा के अनुसार, श्री राम और माता सीता के वनवास से लौटने की खुशी में दिवाली मनाई जाती है। वहीं, ज्योतिष में दिवाली की रात को विशेष स्थान दिया गया है। दिवाली की रात को सर्व सिद्धि रात भी कहते हैं। इस साल दिवाली का पर्व 10 नवंबर को धनतेरस के साथ शुरू होकर 15, नवंबर को भाईदूज पर संपन्न होगा। दिवाली के दिन अगर कुछ ज्योतिष उपाय किये जाएं तो वह जरूर लाभ पहुंचाते हैं। तो आइये जानते हैं दिवाली के दिन किये जाने वाले महाउपायों के बारे में।
1 धन लक्ष्मी की पूजा का महत्व
2 साफ सफाई
3 दिवाली का त्योहारिक भोजन
4 रंगोली और दीपावली कला
5 सोने के आसन के फायदे
6 परिवारिक खुशियाँ
7 परम्परागत धन क्रियाएँ
8 अच्छे कर्मों का महत्व
1. धन लक्ष्मी की पूजा का महत्व:
दिवाली के त्योहार का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है, धन लक्ष्मी की पूजा। लक्ष्मी जी धन, और समृद्धि की देवी हैं। इस पूजा के द्वारा, हम धन वर्षा की प्राप्ति की प्रार्थना करते हैं, जिससे हमारे घर में धन और खुशियाँ बरसती हैं।
2. साफ सफाई:
इस त्योहार के आगमन से हम अपने घर को शुद्ध और सुंदर बनाते है। सफाई करने से हम न केवल अपने घर को साफ रखते हैं, बल्कि हम अपने आत्मा को भी शुद्ध करते हैं।
3. दिवाली का त्योहारिक भोजन:
दिवाली के दिन, हम सब मिलकर एक विशेष त्योहारिक भोजन तैयार करते हैं। यह भोजन हमारे परिवार और दोस्तों के साथ बिताए गए समय को और भी यादगार बनाता है। यह भोजन आमतौर पर मिठाई, नमकीन, और अन्य विशेषत: स्वादिष्ट खानों का मिश्रण होता है। इसमें गुड़, नारियल, मूंगफली, और दूध की मिठास सबको खुश कर देती है।
4. रंगोली और दीपावली कला:
दिवाली के त्योहार में रंगोली और दीपावली कला का महत्व अत्यधिक है। घर के बाहर रंगोली बनाना एक प्राचीन परंपरा है जो सुंदरता और समृद्धि का प्रतीक होता है। इसके अलावा, हम अपने घरों को दीपों से सजाते हैं, जिससे अंधकार मिटता है और हर तरफ रौशनी आती है।
5. सोने के आसन के फायदे:
दिवाली के दिन, हम एक सोने के आसन पर बैठकर पूजा करते हैं। यह आसन हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ के लिए बहुत फायदेमंद होता हैं। इससे हमारा मन शांत होता है और हम आध्यात्मिक ऊर्जा को अच्छी तरह से अपना सकते हैं। यह हमारे शारीरिक स्वास्थ्य को भी सुधारता है।
6. परिवारिक खुशियाँ:
दिवाली का मतलब होता है परिवार के साथ समय बिताना। जिनके साथ हम अक्सर अपने दिनचर्या की भाग्दौड़ में समय नहीं बिता पाते लेकिन इस समय हम परिवार के सदस्यों के साथ मनोरंजन, खाना-पीना, और खुशियों मानते है।
7. परम्परागत धन क्रियाएँ:
दिवाली के त्योहार के दौरान हम कई परम्परागत धन क्रियाएँ भी करते हैं, जैसे कि धन लक्ष्मी की मूर्ति की पूजा, धन लक्ष्मी के मंत्रों का जाप, और धन यंत्र का उपयोग। इन क्रियाओं से हम धन, समृद्धि, और खुशियो की प्राप्ति करने की प्रार्थना करते हैं और अपने घर को धन-धान्य से भरते हैं।
8. अच्छे कर्मों का महत्व:
दिवाली के मौके पर हमें अच्छे कर्मों का महत्व समझना चाहिए। हमें दूसरों की मदद करने, दान देने, और अच्छे कर्मों के माध्यम से समाज में सहयोग करने का प्रयास करना चाहिए। यह हमारे जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाता है और हमें आत्मा संतुष्टि की ओर बढ़ाता है। दिवाली एक ऐसा त्योहार है जो हमें धन, समृद्धि, और खुशियाँ लेकर आता है। इस दिवाली, हम उपरोक्त उपायों का अच्छी तरह से अनुसरण करके अपने घर को धन-धान्य से भर सकते हैं और अपने जीवन में सफलता प्राप्त कर सकते हैं।
पूछे जाने वाले प्रश्न?
1. धन लक्ष्मी की पूजा किस प्रकार की होनी चाहिए?
धन लक्ष्मी की पूजा में आपको विशेष रूप से उपयुक्त मंत्रों का पाठ करना चाहिए, और धन लक्ष्मी की मूर्ति की आराधना करनी चाहिए।
2. दिवाली के मौके पर कैसे सुरक्षित रहें?
दिवाली के मौके पर सुरक्षित रहने के लिए, आपको पटाखों का सावधानीपूर्वक उपयोग करना चाहिए। बच्चों को बड़ों के निगरानी में रखना चाहिए। अपने घर को अग्निरोधक सामग्री से सुरक्षित रखें और दीपों का ध्यान दें।
3. दिवाली के मौके पर दान कैसे करें?
दिवाली के मौके पर दान करने के लिए, आप किसी आवश्यक व्यक्ति की मदद कर सकते हैं। आप गरीबों को खाना खिला सकते हैं, कपड़े बाँट सकते हैं या किसी छात्र की शिक्षा का समर्थन कर सकते हैं। दान करने से आपका कर्म सफलता प्राप्त करने में मदद कर सकता है और आपके घर में खुशियाँ और समृद्धि आ सकती हैं।
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